डिजिटल एंटरटेनमेंट की दुनिया में वेब सीरीज और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने क्रांति ला दी है। लेकिन जहां दर्शक उम्मीद करते हैं कि उन्हें अच्छा कंटेंट देखने को मिलेगा, वहीं अब कई सब्सक्राइबर और दर्शक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है एक यूट्यूब वीडियो में, जहां एक क्रिएटर ने Criminal Justice सीरीज़ को लेकर अपनी नाराज़गी बड़े ही उग्र और साफ़ लहजे में ज़ाहिर की है।
“₹900 की सब्सक्रिप्शन और बदले में 2 एपिसोड? ये मजाक नहीं है भाई!”
वीडियो की शुरुआत ही एक सख़्त और नाराज़ अंदाज़ में होती है। क्रिएटर कहता है, “आज मूड बहुत खराब है… ₹800, ₹850, ₹900 देके सब्सक्रिप्शन लिया है और बदले में क्या मिल रहा है? सिर्फ़ दो-तीन एपिसोड? क्या ये मज़ाक है?”
वह सीधे तौर पर ओटीटी प्लेटफॉर्म की रिलीज़ स्ट्रैटेजी पर सवाल उठाते हैं, जिसमें वेब सीरीज को वीकली रिलीज़ किया जाता है। यह तरीका दर्शकों को लंबे समय तक बांध कर रखने की कोशिश तो करता है, लेकिन इससे उनकी रूचि और धैर्य की परीक्षा भी ली जाती है।
“डॉक्टर, मर्डर और माधव मिश्रा – कहानी दमदार है पर…”
क्रिएटर ‘Criminal Justice’ सीरीज़ के नए सीजन की कहानी का ज़िक्र करते हुए बताते हैं कि स्टार्ट बहुत स्ट्रॉन्ग है। एक डॉक्टर है, उसकी गर्लफ्रेंड का मर्डर हो जाता है, और फिर एंट्री होती है हमारे चहेते माधव मिश्रा की – यानी कालिन भैया, जो इस केस को सुलझाने की जिम्मेदारी उठाते हैं।
उनके अभिनय की तारीफ करते हुए कहा गया कि उनकी कॉमिक टाइमिंग, इमोशनल ग्रैविटी, और कानूनी चालाकी सब कुछ सीरीज को मजबूती देती है। लेकिन वहीं पर सबसे बड़ा रोड़ा है – वीकली रिलीज़।
“क्या दो हफ्ते बाद देखने का मन रहेगा?”
क्रिएटर की सबसे बड़ी शिकायत है कि जब दर्शक एक सीरीज के दो-तीन एपिसोड देखकर उसमें खो जाता है, तभी उसे रोका जाता है – और कहा जाता है, “अब दो हफ्ते बाद देखना।”
इससे न सिर्फ़ उसका इंटरेस्ट खत्म हो सकता है, बल्कि प्लेटफॉर्म पर उसका भरोसा भी डगमगाता है। वे कहते हैं, “दर्शक मूव करता है। अगर आपने पकड़ नहीं बनाई तो वो कहीं और चला जाएगा – प्राइम, नेटफ्लिक्स, डिज़्नी, कहीं भी।”
“वीकली रिलीज़ – मार्केटिंग ट्रिक या दर्शकों का शोषण?”
वीडियो में प्लेटफॉर्म की पीआर और मार्केटिंग टीम पर भी गुस्सा जाहिर किया गया। “दिमाग खराब कर दिया यार… एक बार नहीं, बार-बार वही धंधा – दो एपिसोड दिखाओ, फिर लटकाओ।”
क्रिएटर साफ कहते हैं कि ये एक सोची-समझी रणनीति है ताकि सब्सक्रिप्शन लंबे समय तक चलता रहे। लेकिन दर्शक अब इन चीज़ों को समझ चुका है।
“बॉयकॉट की बात और ट्विटर पर गुस्सा”
वीडियो के अंत में, क्रिएटर ने यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि दर्शकों को एकजुट होकर इन प्लेटफॉर्म्स को आईना दिखाना चाहिए। “Twitter पर जाओ और बॉयकॉट मारो। तभी इनकी अक्ल ठिकाने आएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब प्लेटफॉर्म को इतना फंड मिला है (जैसे जिओ के साथ कोलैबोरेशन), तो वे अच्छा कंटेंट क्यों नहीं दे पा रहे?
“₹1000 लोग दे रहे हैं सब्सक्रिप्शन के लिए, और बदले में उन्हें हफ्तों का इंतजार करना पड़ रहा है। अगर कंटेंट नहीं दे सकते तो स्टेटमेंट जारी करो – हमसे नहीं हो रहा, कोई और आकर संभाल ले,” – यही तीखा तंज उन्होंने अपने वीडियो में कसा।
🎬 क्या Criminal Justice देखना चाहिए?
अगर आप Criminal Justice फ्रैंचाइज़ी के फैन हैं और खास तौर पर पंकज त्रिपाठी यानी माधव मिश्रा को देखना पसंद करते हैं, तो आपको यह सीरीज़ ज़रूर शुरू करनी चाहिए।
बिल्डअप, कैरेक्टर डेप्थ, और प्रोडक्शन वैल्यू शानदार है। लेकिन ध्यान रखें – यह शो वीकली रिलीज़ हो रहा है, यानी हर हफ्ते इंतज़ार करना पड़ेगा।
✅ पॉजिटिव पॉइंट्स:
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दमदार स्टार्ट
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कालिन भैया की शानदार परफॉर्मेंस
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केस बिल्डअप इंटेंस और एंगेजिंग
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प्रोडक्शन क्वालिटी टॉप नॉच
❌ नेगेटिव पॉइंट्स:
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वीकली रिलीज़ से दर्शक बोर हो सकते हैं
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प्लॉट में ब्रेक से इमोशनल कनेक्शन टूट सकता है
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सब्सक्रिप्शन के पैसे वसूल नहीं लगते
📢 निष्कर्ष: क्या OTT प्लेटफॉर्म्स को बदलना चाहिए अपना तरीका?
इस वीडियो के ज़रिए जो गुस्सा सामने आया है, वह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि लाखों दर्शकों की भावना को दर्शाता है।
OTT प्लेटफॉर्म्स को समझना चाहिए कि आज का दर्शक समझदार है। उसे सिर्फ हाई-वैल्यू मार्केटिंग से नहीं, बल्कि कंसिस्टेंट और क्वालिटी कंटेंट से जोड़ा जा सकता है।
“अगर आप बार-बार दर्शकों को वेट कराते रहोगे, तो एक दिन वह हमेशा के लिए चला जाएगा।”
अगर आप इस मुद्दे से सहमत हैं, तो नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर दें और इस खबर को शेयर करें।
क्या आप भी वीकली रिलीज़ से परेशान हैं? क्या आपने भी किसी OTT प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन छोड़ दिया है? बताइए हमें!
लेखक: Er. Nitesh Chauriyar
श्रेणी: मनोरंजन
तारीख: 25 मई 2025