Final Destination: Bloodlines (2025) – डर की वापसी! | फिल्म रिव्यू हिंदी में

11 साल बाद वापस लौटी Final Destination फ्रेंचाइज़ – अब और भी ज्यादा डरावनी!
क्या आपने कभी कोई ऐसी फिल्म देखी है जिसके बाद आपको लगने लगे कि मौत हर कोने में छुपी हुई है? Final Destination: Bloodlines वही खौफनाक एहसास वापस लाने के लिए तैयार है।

यह फिल्म Final Destination सीरीज़ का छठा भाग है और करीब 11 साल बाद आई है। सबसे खास बात – इसका पिछली फिल्मों से कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं है, इसलिए आप इसे सीधा देख सकते हैं बिना कुछ मिस किए।

इस बार मौत है लीड कैरेक्टर – न कोई भूत, न आत्मा

 Final Destination
Final Destination

इस फिल्म में मौत को ही लीड कैरेक्टर बना दिया गया है – वो भी बिना किसी मास्क या चेहरा दिखाए। हर एक मौत इतनी क्रिएटिव और खौफनाक है कि आप सोच में पड़ जाएंगे कि किसी मामूली चीज़ – जैसे सिक्का, पेड़, पियानो, या एक नोज़ रिंग – से कोई कैसे मर सकता है!

फैमिली के साथ ना जाएं – फिल्म है बेहद हिंसक और ग्राफिक

इस फिल्म में भूतिया डर नहीं, बल्कि ग्राफिक और शॉकिंग मौतें हैं। अगर आप फैमिली के साथ फिल्म देखने का सोच रहे हैं, तो एक बार फिर सोच लें। ये फिल्म 18+ व्यूअर के लिए ज्यादा सही है।

कहानी की झलक – सपनों में दिखाई देती मौत, जो हकीकत बन जाती है

 Final Destination
Final Destination

कहानी की शुरुआत होती है एक डरावने सपने से, जिसमें एक लड़की अपनी नानी को बार-बार मरते हुए देखती है। लेकिन असली ट्विस्ट तब आता है जब पता चलता है कि उस सपने में सिर्फ नानी ही नहीं, बल्कि 500 लोग मारे गए हैं – और हर एक मौत अलग और भयानक है।

यह नानी कोई आम औरत नहीं, बल्कि मौत से बातें करने वाली एक लेखिका है जिसने ऐसी किताब लिखी है जिसमें उन लोगों का ज़िक्र है जिन्हें जिंदा नहीं होना चाहिए था।

मौत का खेल – रिवेंज थ्रिलर के साथ हॉरर का तड़का

Final Destination: Bloodlines असल में एक रिवेंज थ्रिलर है। यहां मौत अपना बदला ले रही है उन लोगों से जिन्होंने उसकी चाल को मात देकर खुद को ज़िंदा रखा।

ऑडियंस का रिएक्शन – डर और तालियों का मेल

इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसका डार्क क्रिएटिविटी। लोगों की मौत के सीन इतने इन्वेंटिव हैं कि ऑडियंस डरने के साथ-साथ ताली बजाने लगती है। ऐसा रिएक्शन किसी आम हॉरर फिल्म में नहीं देखने को मिलता।

⭐ रेटिंग और फाइनल वर्डिक्ट

  • रेटिंग: ⭐⭐⭐ (5 में से 3 स्टार्स)
  • प्लस पॉइंट्स: विजुअल प्रेजेंटेशन, डार्क क्रिएटिविटी, थ्रिल फैक्टर
  • माइनस पॉइंट्स: कहानी में थोड़ी और गहराई हो सकती थी, सुपरनेचुरल एंगल को और निखारा जा सकता था।
देखना चाहिए या नहीं?

अगर आप थ्रिलर और क्रिएटिव हॉरर के फैन हैं और हार्ट स्ट्रॉन्ग हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है। दोस्तों के साथ जाएं – मजा आएगा। लेकिन फैमिली के साथ जाने से पहले जरूर सोच लें।

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