बॉलीवुड पर अक्सर एक ही इल्ज़ाम लगता है – रीमेक का। कभी साउथ से तो कभी हॉलीवुड से, या फिर खुद की ही पुरानी फिल्मों से कॉपी कर लिया जाता है। लेकिन सवाल ये उठता है कि जब हमारे इतिहास में इतनी शानदार कहानियां भरी पड़ी हैं, तो फिर कॉपी की जरूरत ही क्यों?
‘Kesari Veer’ इसी सोच को सच्चाई में बदलती फिल्म है। अफसोस बस इतना है कि बॉलीवुड ने इस फिल्म को उतना सपोर्ट नहीं किया जितना मिलना चाहिए था। स्क्रीन कम मिली, शो कम चले और शायद कलेक्शन भी कमजोर रहे, लेकिन जो एक बार देख ले, वो इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह सकता।
सुनील शेट्टी का तूफानी कमबैक
सालों बाद बड़े पर्दे पर ‘अन्ना’ यानी सुनील शेट्टी की वापसी हुई है और क्या ही गदर मचा दिया उन्होंने। फिल्म के क्लाइमेक्स में उनका सीन इतना जबरदस्त है कि लोग बाहुबली वाले प्रभास को भूलकर अब सुनील शेट्टी की एंट्री की मिसाल देंगे। 2025 की ये सबसे अंडररेटेड लेकिन यादगार परफॉर्मेंस कही जा सकती है।
असल हीरो – हामिरजी गोहिल
फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है – एक ऐसे योद्धा की जो सिर कटने के बाद भी लड़ता रहा। कहानी जुड़ी है तुगलक के दौर से, जब एक राक्षसी सोच सोमनाथ मंदिर को लूटने और हिंदुत्व को मिटाने की साजिश करती है। उसका सामना करते हैं वीर हामिरजी गोहिल, जिनका नाम आज की पीढ़ी नहीं जानती – यही हमारे एजुकेशन सिस्टम की हार है।
विलेन में विवेक ओबेरॉय – जानदार निगेटिव रोल
फिल्म में तुगलक बने हैं विवेक ओबेरॉय, और जब भी वो विलेन बनते हैं, हीरो से भारी पड़ते हैं। एक क्रूर, खून से लथपथ, सनकी विलेन – पद्मावत के खिलजी की याद आ जाती है। लेकिन इस बार तुगलक का सामना आसान नहीं होगा क्योंकि शिव के भक्त उसके सामने खड़े हैं।
संगीत बना फिल्म की जान
जहाँ एक्टिंग में थोड़ी कमी दिखी, वहीं सिंगिंग सेक्शन पूरी तरह जानदार है। शान, सोनू निगम और सुनिधि चौहान जैसे दिग्गजों की वापसी ने बैकग्राउंड में फिल्म को नई जान दी है।
कमजोरियां भी हैं…
- फिल्म का बजट कम है, इसलिए VFX काफी बचकाने लगते हैं।
- डायरेक्टर थोड़ा अनुभवहीन लगता है।
- फिल्म की रफ्तार कई बार धीमी हो जाती है – खासकर लव सीन्स में।
- कास्टिंग भी और बेहतर हो सकती थी।
फिल्म क्यों देखें?
- अगर आप सुनील शेट्टी के फैन हैं – ये मिस मत करिए।
- अगर आप अपनी हिस्ट्री को जानना चाहते हैं – ये एक मौका है।
- अगर आप नेगेटिव रोल में एक्टिंग का पावर देखना चाहते हैं – विवेक ओबेरॉय को देखिए।
रेटिंग: 5 में से 2 स्टार
- एक स्टार सुनील शेट्टी के लिए
- एक स्टार इस दमदार कहानी के लिए
निष्कर्ष:
‘ kesari veer’ कोई मास्टरपीस नहीं है, लेकिन ये एक शुरुआत है। बॉलीवुड को चाहिए कि वो अपनी जड़ों से जुड़े, और ऐसे सिनेमा बनाए जो कॉपी न हो बल्कि खुद के इतिहास से प्रेरणा ले।
अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं, देसी टच पसंद करते हैं, और असली वीरों की कहानियां जानना चाहते हैं – तो इस फिल्म को एक बार जरूर देखिए।
जय महादेव। जय भारत।