जिस कंपनी ने कभी मोबाइल डेटा की कीमत ₹250 से घटाकर ₹10 प्रति GB कर दी थी और पूरे टेलीकॉम सेक्टर की तस्वीर ही बदल दी थी – वही Reliance अब भारतीय नमकीन बाजार में भी तहलका मचाने को तैयार है। हां, आपने सही सुना – मोटा भाई यानी मुकेश अंबानी अब हल्दीराम, बिकाजी और बालाजी वेफर्स जैसे दिग्गज ब्रांड्स को सीधी टक्कर देने आ गए हैं।
भारतीय स्नैक्स मार्केट का हाल
IMARC ग्रुप के मुताबिक, 2024 में भारत का स्नैक्स मार्केट ₹46,571 करोड़ का था और 2033 तक इसके ₹1,01,000 करोड़ के पार पहुंचने की उम्मीद है।
इस ग्रोथ की तीन बड़ी वजहें हैं:
- तेजी से बढ़ता अर्बनाइजेशन – 2011 की तुलना में 2024 में शहरी आबादी 36% हो गई है।
- डिस्पोजेबल इनकम में उछाल – 2023 में ₹1.72 लाख से बढ़कर 2024 में ₹1.86 लाख प्रति व्यक्ति।
- यंग जनरेशन की पसंद – 65% आबादी 35 साल से कम उम्र की है, जो ब्रांड-कॉन्शियस और कन्वीनियंस फूड फ्रेंडली है।
मौजूदा महारथियों की ताकत
- हल्दीराम्स – 40% मार्केट शेयर, ₹14,000 करोड़ का टर्नओवर, 400+ प्रोडक्ट्स, 80+ देशों में मौजूदगी।
- बिकाजी फूड्स – 9% मार्केट शेयर, फैमिली पैक पर फोकस, राजस्थान में 45% हिस्सेदारी।
- बालाजी वेफर्स – गुजरात में 60-65% और महाराष्ट्र में 20-30% मार्केट पकड़, कम कीमत और ग्रामीण कवरेज इनकी ताकत।
Reliance की प्लानिंग क्या है?
Reliance कोई नया खिलाड़ी नहीं है। Reliance Retail के पास पहले से ही देशभर में 18,000+ स्टोर्स हैं, जो 7,000+ शहरों में फैले हैं। इन स्टोर्स में 70 लाख से ज्यादा डेली फुटफॉल होता है। यानि लॉजिस्टिक्स, ब्रांडिंग और डिस्ट्रिब्यूशन में यह कंपनी पहले से ही मास्टर है।
क्या होगी मोटा भाई की स्ट्रैटेजी?
- लोकल सेगमेंट्स को टारगेट करना – बालाजी की तरह छोटे कस्बों और गांवों में एंट्री मारना ।
- अग्रेसिव प्राइसिंग – Jio मॉडल को अपनाकर सस्ते दामों में हाई क्वालिटी।
- इनोवेटिव पैकेजिंग और डिजिटल ब्रांडिंग – युवाओं को लुभाने के लिए।
- वाइड रिटेल नेटवर्क का लाभ – JioMart और Reliance Fresh जैसे चैनल्स का प्रयोग।
क्या हल्दीराम्स, बिकाजी और बालाजी को मात मिल पाएगी?
ये तीनों कंपनियां अपनी मजबूत पकड़ और दशकों के अनुभव से जमी हुई हैं। मगर अगर कोई कंपनी इस मार्केट में “गेम चेंजर” बन सकती है, तो वो है Reliance।
क्या सीख सकते हैं छोटे व्यवसाय?
जैसे बड़े ब्रांड्स टेक्नोलॉजी और इनोवेशन से आगे बढ़ रहे हैं, वैसे ही छोटे बिजनेस भी बिजनेस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर जैसे Odoo को अपनाकर अपनी उत्पादकता और एफिशिएंसी बढ़ा सकते हैं। ऑटोमेशन अब केवल बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रहा।
रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) ने भारतीय स्नैक्स मार्केट में दो नए ब्रांड्स—Snaptt और Alens BLS—के जरिए तूफानी एंट्री ली है। अपने आक्रामक दाम, जबरदस्त डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और वर्टिकल इंटीग्रेशन मॉडल के साथ रिलायंस अब हल्दीराम, लेज़, डोरिटोज और अन्य स्थापित ब्रांड्स को कड़ी टक्कर देने को तैयार है।
Snactac: देसी स्वाद में अंतरराष्ट्रीय टच
Snactac ने तीन श्रेणियों में स्नैक्स लॉन्च किए हैं:
- नमकीन सेगमेंट- यहां पर खट्टा-मीठा, चिवड़ा, मिक्सचर जैसे पारंपरिक फ्लेवर के साथ-साथ कॉर्नफ्लेक्स और चना दाल जैसे फ्यूजन मिक्सचर भी पेश किए गए हैं।
- वेस्टर्न स्नैक्स – पांच फ्लेवर में पोटैटो चिप्स, तीन फ्लेवर में पास्ता स्नैक्स और एक्सक्लूसिव शेप्स व फ्लेवर में इनोवेटिव स्नैक्स शामिल हैं, जो यूथ और टींस को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किए गए हैं।
- स्वीट स्नैक्स – सोनपापड़ी, लड्डू, ट्रेडिशनल मिठाइयों के साथ-साथ फ्यूजन फ्लेवर में मीठे स्नैक्स भी इस कैटेगरी में उपलब्ध हैं।
के प्रोडक्ट्स ₹5 से शुरू होकर ₹90 तक के फैमिली पैक में मिलते हैं और ये औसतन 15–18% सस्ते हैं हल्दीराम और लेज़ जैसे ब्रांड्स से। उदाहरण के लिए:
- 150g बीकानेरी भुजिया: हल्दीराम ₹70, Snactac ₹58
- 100g पोटैटो चिप्स: लेज़ ₹40, Snactac ₹33
- 250g खट्टा-मीठा मिक्स: हल्दीराम ₹95, Snactac ₹80
Alens BLS: इंटरनेशनल फील अब इंडिया में
Alens BLS, जो कि एक इंटरनेशनल ब्रांड है और अपने यूनिक कोन शेप्ड कॉर्न चिप्स के लिए जाना जाता है, अब Reliance की साझेदारी के साथ भारत में लॉन्च हो चुका है। इसके तीन फ्लेवर हैं:
- सॉल्टेड (Original)
- टोमेटो ट्विस्ट
- चीज़ एक्सप्लोजन
इस ब्रांड की सबसे खास बात है इसकी पैकेजिंग:
- ₹10 का पैक – 20g (इंपल्स बायर्स के लिए)
- ₹20 का पैक – 55g (इंडिविजुअल कंजम्प्शन)
- ₹50 का पैक – 150g (फैमिली/शेयरिंग पैक)
Alens BLS के प्रोडक्ट्स 30–40% तक सस्ते हैं डोरिटोज और चीटोस जैसे विदेशी ब्रांड्स से।
Reliance के 5 दमदार हथियार
1. डिस्ट्रीब्यूशन डोमिनेशन
- 18,000+ रिटेल स्टोर्स
- 19,000+ पिनकोड में डिलीवरी
- 28 मिलियन sq.ft. वेयरहाउस
- 6,500+ डेडिकेटेड डिलीवरी व्हीकल्स
- 85% इंडियन पॉपुलेशन तक पहुंच
2. एग्रेसिव प्राइसिंग स्ट्रैटेजी
पहले भी Coca-Cola और Pepsi को CPC ड्रिंक्स में हराने के बाद अब स्नैक्स में भी रिलायंस वही रणनीति अपना रहा है।
3. वर्टिकल इंटीग्रेशन मॉडल
रॉ मटेरियल्स से लेकर मैन्युफैक्चरिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल तक, हर स्टेज पर कंट्रोल।
उदाहरण: पोटैटो चिप्स के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग।
4. कॉस्ट एडवांटेज
पूरी वैल्यू चेन पर कंट्रोल के चलते रिलायंस को 8-10% तक की लागत में बढ़त।
5. ट्रेड मार्जिन रेवोल्यूशन
रिटेलर्स और होलसेलर्स को दिए जा रहे बेहतर मार्जिन, जिससे मार्केट में तेज़ी से पकड़ बन रही है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक, Reliance का स्नैक्स बिजनेस अगला बड़ा डिस्रप्टर बन सकता है। Snactac और Alens BLS की किफायती प्राइसिंग, वाइड रेंज और देशव्यापी पहुंच उन्हें बहुत तेज़ी से ब्रांड रिकॉल और मार्केट शेयर दिला सकती है।
निष्कर्ष
रिलायंस एक बार फिर अपने स्केल, नेटवर्क और स्ट्रेटेजिक माइंडसेट के साथ FMCG की दुनिया में तहलका मचाने को तैयार है। Snaptt और Alens BLS सिर्फ स्नैक्स नहीं, बल्कि रिलायंस की लंबी गेम का हिस्सा हैं—जहां हर घर तक पहुंच बनाना ही असली जीत है।